आज हमारे देश में प्रायः किसान अपने फसल की उपज को बढ़ने के लिए रासायनिक उर्वरकों पर निर्भर होते जा रहे हैं। किसान फसल में लगने वाले कीड़े-मकोड़ों को भगाने के लिए भी रासायनिक कीटनाशकों का प्रयोग कर रहे हैं। इसके अलावा खेतों में उगने वाले खरपतवार को ख़त्म करने के लिए भी वह अपनी फसलों पर विभिन्न रसायनों का छिड़काव कर रहे हैं। इन रसायनों के प्रयोग से किसानों को अपनी समस्याओं का कोई स्थाई समाधान नहीं मिल पा रहा है उन्हें हर फसल में इन रसायनों का प्रयोग करना पड़ रहा है। रासायनिक उर्वरक मिट्टी की उर्वरा शक्ति को स्थाई रूप से नहीं बढ़ा पा रहा है।
दूसरी तरफ खेत में विभिन्न रसायनों के प्रयोग के कारण फसलों के लाभकारी कीट भी ख़त्म होते जा रहे हैं। फसलों में रसायनों के अधिक प्रयोग का सबसे बड़ा नुकसान, लोगों के स्वास्थ्य पड़ रहा विपरीत प्रभाव है। क्योकि फसलों में ज्यादा रसायनों के प्रयोग के पैदा हुए अनाज की गुणवत्ता प्रभावित हो जाती है। इन्ही समस्याओं से निपटने के लिए एम. के. स्टालिन की सरकार ने एक गांव एक फसल योजना की शुरुआत की है।
एक गांव एक फसल योजना के तहत सरकार किसानों की आय बढ़ाने में करेगी मदद जिसमें कृषि भूमि की तैयारी, बीज उपचार और एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन जैसे पहलुओं को शामिल किया जाएगा। आइये इस आर्टिकल के माध्यम से जानते हैं कि एक गांव एक फसल योजना के अंतर्गत प्रदेश के किसान कैसे ले सकेंगे फायदा?

एक गांव एक फसल योजना क्या है?
तमिलनाडु के कृषि मंत्री श्री एमआरके पन्नीरसेल्वम जी ने मंगलवार 20 फरवरी 2024 को विधान सभा में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अलग से कृषि बजट पेश किया। राज्य के इस कृषि बजट में माननीय कृषि मंत्री जी ने एक नयी स्कीम की घोषणा की जिसका नाम एक गांव एक फसल योजना (One Village One Crop Scheme) है। इस योजना को लागू करने के लिए राज्य के 15280 राजस्व गावों का चयन किया गया है। एक फसल पर ध्यान केंद्रित करते हुए गाँव के किसानों को जागरूक करने के लिए प्रत्येक चयनित राजस्व गाँव में 5 से 10 एकड़ भूमि पर एक निश्चित फसल का उत्पादन किया जायेगा।
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One Village One Crop Scheme- Latest Update
तमिलनाडु की सरकार ने वित्त वर्ष 2025-2026 के लिए भी इस योजना को जारी रखा है। इसके लिए सरकार ने इस वित्त वर्ष के कृषि बजट में One Village One Crop Scheme के लिए राज्य निधि से ₹269.50 करोड़ रुपये आवंटित किया है। वित्त वर्ष 2024-25 में इस योजना के अंतर्गत राज्य के केवल 15280 राजस्व गावों का चयन किया गया था जिसमे शेष 2,338 राजस्व गाँव में यह योजना लागू नहीं थी। इस बार सरकार ने सभी छूटे हुए राजस्व गावों को शामिल करते हुए पुरे राज्य के सभी राजस्व गाँवों को इस योजना के अंतर्गत शामिल कर लिया है। अब राज्य के किसी भी गाँव का किसान एक गांव एक फसल योजना के अंतर्गत मिलने वाली सुविधाओं का लाभ ले सकता है।
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योजना के अंतर्गत शामिल फसलें
- धान
- चोलम (ज्वार)
- मक्का
- कम्बू (बाजरा)
- कुदिरावली (बाजरा)
- रागी
- लाल चना
- काला चना
- हरा चना
- मूंगफली
- सूरजमुखी
- कपास
- गन्ना इत्यादि
योजना का लाभ
एक गांव एक फसल स्कीम से प्रदेश के किसानों को निम्नलिखित लाभ प्राप्त होंगे।
- खेत को फसल की बुआई के लिए तैयार करने हेतु मिट्टी की उर्वरा शक्ति की जांच और जरुरी उपायों की जानकारी दी जाएगी।
- अधिक उत्पादन क्षमता वाले उपचारित बीज की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाएगी।
- लाभकारी और हानिकारक कीटो की पहचान करने हेतु जरुरी जानकारी उपलब्ध कराइ जाएगी।
- आपकी फसल हेतु सभी आवश्यक पोषक तत्वों की जानकारी और उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
- इस योजना के अंतर्गत स्थायी कीट निगरानी भूखंड की स्थापना की जाएगी और प्रभावी पौध संरक्षण उपायों की सिफारिश की जाएगी।
- इस योजना के उपायों को अपनाकर किसानों की आय बढ़ेगी।
- इस योजना के द्वारा फसलों में रासायनिक तत्वों के प्रयोग को न्यूनतम स्तर पर लाकर अच्छी गुणवत्ता और पोषणयुक्त अनाज का उत्पादन किया जायेगा।